
मिली थी जिन्दगी किसी के 'काम' आने के लिए,
पर वक्त बीत रहा है, कागज के टुकड़े कमाने के लिए...
क्या करोगे, इतना पैसा कमा कर..?
ना कफन मे 'जेब' है, ना कब्र मे 'अलमारी..'
और ये मौत के फ़रिश्ते तो 'रिश्वत' भी नही लेते...
खुदा की मोहब्बत को फना कौन करेगा?
सभी बंदे नेक तो गुनाह कौन करेगा?
ऐ ख़ुदा मेरे इन दोस्तों को सलामत रखना...
वरना मेरी सलामती की दुआ कौन करेगा??
और रखना मेरे दुश्मनो को भी महफूज़...
वरना मेरी, तेरे पास आने की दुआ कौन करेगा ?
ख़ुदा ने मुझसे कहा, "इतने दोस्त ना बना तू धोखा खा जायेगा..."
मैने कहा : "ए खुदा, तू ये मैसेज पढ़नेवालों से मिल तो सही,
तू भी धोखे से दोस्त बन जायेगा..."
नाम छोटा है मगर दिल बड़ा रखता हूँ,
पैसोँ से उतना अमीर नही हूँ...
मगर अपने यारों के ग़म खरीदने की
हैसियत रखता हूँ...
मुझे ना हुकुम का इक्का बनना है ना रानी का बादशाह,
हम जोकर ही अच्छे हैं...
जिसके नसीब में आऐंगे, बाज़ी पलट देंगे.