
1. देखा जवाब मिला मुझे कि, परेशान नहीं ठीक हूँ मैं.
तुम सोचना नहीं मुझे कभी, तुम ढूंढना नहीं मुझे कभी,
परेशान नहीं ठीक हूँ मैं.
जब तस्वीरे देख जाओ कभी, जब आँखों में पानी लाओ कभी,
रुमाल निकाल पोछ सकते हो, या इतना पानी तो सोख सकते हो
पर मुझे कुछ नहीं कहना क्योंकि, परेशान नही ठीक हूँ मैं.
जब लिखा हुआ कुछ मिल जाए, दिल में फिर से अरमां खिल जाए,
कुछ नहीं दबा लेना सब कुछ, या किताब बना देना सब कुछ,
पर मुझे कभी मत पढ़ाना क्योंकि, परेशान नहीं ठीक हूँ मैं.
याद में तुम रात गुज़ार दो अगर, ये कोई नई बात नहीं होगी मगर,
चाँद को देखते मेरा अश्क नज़र आये, मुँह फेर लेना अपना शायद इश्क़ मर जाये,
पर मुझे परेशान मत करना क्योंकि, परेशान नहीं ठीक हूँ मैं.
2. वो रूठे हैं इस कदर मनायें कैसे, जज़्बात अपने दिल के दिखाएँ कैसे.
नर्म एहसासों की सिहरन कह रही है पास आ जाओ,
सिमट जाओ मुझमें और दिल में समां जाओ.
देखो लौट आओ ना रूठो हमसे, बस रह गया है तुम्हारा इंतज़ार कब से
इतनी भी क्या तकरार हमसे, तेरे इंतज़ार में हो गया है दिल बेकरार कब से.
लड़ना मुझसे झगड़ना मुझसे पर कभी न दूर रहना मुझसे,
एक बार फिर ढलती शाम में बढ़ रहा है खुमार कब से.
अब तुम्ही मीत हो मेरे दिल की सदायें समझो,
मेरे दिल की ख़ामोशी मेरी वफायें समझो.
अब क्या कहूँ अपने दिल की सदायें उनसे,
वो रूठे हैं इस कदर मनायें कैसे,
जज़्बात अपने दिल के दिखाये कैसे.
दिलजले आशिकों के लिए ब्रेकअप शायरी