Quantcast
Channel: Newstracklive.com | must-news
Viewing all articles
Browse latest Browse all 14250

शायरी की दुनिया के बादशाह, मुनव्वर राणा की पेशकशशायरी की दुनिया के बादशाह, मुनव्वर राणा की पेशकश

$
0
0

1. खिलौनों की दुकानों की तरफ़ से आप क्यूँ गुज़रे,
ये बच्चे की तमन्ना है ये समझौता नहीं करती.

2. किसी दिन मेरी रुस्वाई का ये कारन न बन जाए,
तुम्हारा शहर से जाना मिरा बीमार हो जाना.

3. किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा,
अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा.

4. किसी की याद आती है तो ये भी याद आता है,
कहीं चलने की ज़िद करना मिरा तय्यार हो जाना.

5. किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई,
मैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई.

6. कुछ बिखरी हुई यादों के क़िस्से भी बहुत थे,
कुछ उस ने भी बालों को खुला छोड़ दिया था.

7. पचपन बरस की उम्र तो होने को आ गई,
लेकिन वो चेहरा आँखों से ओझल न हो सका.

8. फेंकी न 'मुनव्वर' ने बुज़ुर्गों की निशानी,
दस्तार पुरानी है मगर बाँधे हुए है.

9. फिर कर्बला के ब'अद दिखाई नहीं दिया,
ऐसा कोई भी शख़्स कि प्यासा कहें जिसे.

10. तमाम जिस्म को आँखें बना के राह तको,
तमाम खेल मोहब्बत में इंतिज़ार का है.

11. तुम ने जब शहर को जंगल में बदल डाला है,
फिर तो अब क़ैस को जंगल से निकल आने दो.

12. तुम्हारा नाम आया और हम तकने लगे रस्ता,
तुम्हारी याद आई और खिड़की खोल दी हम ने.

मुनव्वर राणा की कलम से

राहत इंदौरी साहब की शायरियां

मुसाफिरों के लिए शायरियां


Viewing all articles
Browse latest Browse all 14250

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>