
1. खतरनाक सत्य
.
अगर आप रास्ते पे चल रहे है और आपको वहां पड़ी हुई दो पत्थर की मुर्तिया मिले
1) भगवान राम की और
2) रावण की
और आपको एक मूर्ति उठाने का कहा जाए तो अवश्य आप राम की मूर्ति उठा कर घर लेके जाओगे.
क्यों की राम सत्य, निष्ठा, सकारात्मकता के प्रतिक हैं और
रावण नकारात्मकता का प्रतिक हैं.
फिर से आप रास्ते पे चल रहे हो और दो मुर्तिया मिले
राम और रावण की पर अगर
"राम की मूर्ति पत्थर" की और "रावण की सोने "की हो
और एक मूर्ति उठाने को कहा जाए तो आप राम की मूर्ति छोड़ कर रावण की सोने की मूर्ति ही उठाओगे.
.
.
मतलब :
हम सत्य और असत्य,
सकारात्मक और नकारात्मक
अपनी सुविधा और लाभ के अनुसार तय करते हैं.
2. हास्पिटल में बुरी तरह 'ज़ख़्मी' आदमी से मिलने गए दोस्त ने पूछा,
" क्या हुआ था ? "
.
ज़ख़्मी आदमी : यार, करवाचौथ की शाम को,
तेरी भाभी से गलती से हड़बड़ी में बोल दिया...
.
" जल्दी पूजा कर...
.
दो, तीन जगह और जाना है."
रिश्तों में ठहराव के लिए ज़रूरी है इमोशनल अटैचमेंट और संवाद