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तो यहां जेल में कैदी बनाते है लेदर शूज, मिलती है सैलरीतो यहां जेल में कैदी बनाते है लेदर शूज, मिलती है सैलरी

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आपने जेल में कैदियों द्वारा कुर्सियां, फर्नीचर जैसे सामान बनाने के बारे में तो सुना होगा, लेकिन जेल में लेदर के जूते बनाने की बात थोड़ी अलग लग सकती है। पुणे की यरवदा जेल में पिछले एक सालों से लेदर के ब्रांडेड जूते बनाने का काम कैदियों द्वारा किया जा रहा है। ये जूते 'इन्मेट' ब्रैंड के नाम से बनाए जाते हैं और इन्हें ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। यह पहल मुंबई की एक प्राइवेट कंपनी 'टिर्गस वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड' और राज्य जेल विभाग द्वारा मिलकर की गई थी।

जूते बनाने के लिए जेल के भीतर ही वर्कशॉप बनाई गई और शुरू में 10 कैदियों को इस काम में लगाया गया। जूते बनाने का कच्चा माल टिर्गस कंपनी देती है वहीं सारी मशीनें जेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गईं।

शुरू में ये कैदी सिर्फ जूते का ऊपरी हिस्सा तैयार करते थे जिसे टिर्गस कंपनी दूसरे फुटवियर ब्रैंड्स को एक्सपोर्ट करती थी। लेकिन 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद ये कैदी पूरा जूता खुद ही तैयार करना सीख गए है.नए कैदियों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है और ट्रेनिंग देने वाले ट्रेनर हर वक्त जेल में मौजूद रहते हैं।

जूतों की कीमत 2,500 रुपये के आसपास होती होती है। कंपनी हर कैदी को 200 रुपये प्रति दिन के हिसाब से देती है। लेकिन जेल प्रशासन द्वारा बनाए गए रूल्स के मुताबिक एक कैदी को उसके काम के बदले प्रतिदिन 55 रुपये से ज्यादा नहीं दिए जा सकते इसलिए बाकी पैसे कैदियों के ऊपर ही खर्च कर दिए जाते हैं.

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