
हरेक कपल का सपना होता हैं कि अपनी लाइफ में वह एक बार माता-पिता ज़रूर बने. माँ-बाप बनने की ख़ुशी के एहसास को सब्दो में बयान नहीं किया जा सकता. गर्भ में पल रहे बच्चे को गोद में खिलाने का इंतज़ार माता-पिता बड़ी ही बेसब्री से करते हैं. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के दिमाग में अलग-अलग तरह के ख्याल आने लगते और नई विचार धाराएं पैदा हो जाती हैं. जिस तरह से माँ के दिमाग में अपने होने वाले बच्चे के लिए कई सारे विचार रहते हैं, उसी प्रकार पुरुषों को भी पिता बनने के चलते दिमाग में कई सारे विचार चलते रहते हैं.
जैसे-जैसे डिलीवरी की डेट पास आने लगती हैं, पुरुषों को कई बातों का डर सताने लगता हैं. प्रेगनेंसी की खबर सुनते ही जहां पतियों को अपने पिता बनने की ख़ुशी रहती हैं. उसी कई में उन्हें यह डर भी सताता रहता हैं कि क्या वह एक अच्छे पिता बन पाएंगे. पति अक्सर बच्चे के आने से पहले ही यह सोच लेते हैं कि बच्चे आने से साथ-साथ उनपर जिम्मेदारियों का अम्बार टूट पड़ेगा.
पतियों में यह भी सोच पैदा हो जाती हैं कि बच्चे के आ जाने के बाद उनकी पार्टनर उन्हें ज्यादा समय नहीं दे पाएंगी. जहां वह अपने पिता बनने की बातों को सोच-सोचकर खुश हो रहे होते हैं, वहीं दसूरी ओर वह यह भी सोचते हैं कि क्या वह अपने बच्चे का ठीक से ख़याल रख पाएंगे. इन सभी बातों और विचारों के तहत पति अक्सर अपनी पार्टनर की प्रेगनेंसी के दौरान टेंशन में रहते हैं.
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