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ज्यादा पसीना आने और हवा न लगने के कारण शरीर में होते हैं इस तरह के बदलावज्यादा पसीना आने और हवा न लगने के कारण शरीर में होते हैं इस तरह के बदलाव

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यह बड़ी ही नॉर्मल बात है और सभी इसका एक्सपीरियंस कर चुके हैं कि मनुष्यों के प्राइवेट पार्ट्स का रंग ज़रा गहरा होता है. शरीर के बाकी अंगों की तुलना में मनुष्यों के गुप्तांगों का रंग थोड़ा गहरा होता है यानी काला होता है. इनमें केवल प्राइवेट पार्ट्स ही शामिल नहीं है. प्राइवेट पार्ट्स के आसपास के हिस्से जैसे इनर थाई और बट्स का रंग भी गहरे शेड का होता है. प्राइवेट पार्ट्स मनुष्य के बेहद ही निजी अंग होते हैं, जिसे चाहे दिन हो या रात, अंडरआर्म हो, योनि या फिर आंतरिक जांघ इसे ढँक कर ही रखना होता है.

देखा जाता है कि शरीर के जिस हिस्से को आप ढंकते हैं वह गोरा हो जाता है. लेकिन प्राइवेट पार्ट्स शरीर का वह हिस्सा होते हैं जो शुरू से ढंके होते हैं, लेकिन फिर भी काले होते हैं. देखा जाता है कि प्राइवेट पार्ट्स में लगातार नमी बनी हुई रहती है उसका मुख्य कारण है पसीना. शरीर के तापमान को मेन्टेन और वैस्ट को निकालने के लिए पसीना आता है. शायद ही कोई इंसान होगा जो बार-बार प्राइवेट पार्ट्स पर आए हुए पसीने को साफ करता होगा.

यह पसीना तभी साफ़ होता है जब आप नहाते हैं. यह पसीना भी त्वचा का रंग बदलने के लिए जिम्मेदार होता है. व्यायाम के दौरान या फिर गर्मी के दिनों में अक्सर पसीने की मात्रा बढ़ जाती है. कई लेयर्स के ढका होने के कारण मनुष्य के निजी क्षेत्रों में बराबर हवा नहीं पहुंच पाती. यही कारण होता है कि मनुष्य की त्वचा की बनावट और उसका रंग बदलने लगता है.

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